भारत के पूर्व राष्ट्रपति ए.पी.जे. अब्दुल कलाम, जिन्हें मिसाइल मैन के नाम से भी जानते है, उन्होंने कहा था कि “सपना वो नहीं है जो आप नींद में देखते हो। सपना वो होता है जो आपको सोने नहीं देता। “ मेरा सपना है भारत को एक अखंड राष्ट्र देखने का।फिर से भारत देश को खुशहाल देखने का।एक समय था जब भारत को सोने की चिड़िया कहा जाता था। “जहां डाल डाल पर सोने की चिड़िया करती हों बसेरा, वो भारत देख हैं मेरा।“ हम फिर से अपने भारत को वैसा ही देखना चाहते हैं।जहां हर व्यक्ति केवल अपने बारे में ना सोचे। उसके लिए राष्ट्र सर्वप्रथम हो।
हमारा भारत अनेक वर्षों तक गुलामी की जंजीरों में जकड़ा रहा। कभी मुगलों की गुलामी में रहा तो कभी अंग्रेजों की।भारत को स्वतंत्र कराने के लिए महात्मा गांधी, सुभाष चंद्र बोस, सरदार वल्लभ भाई पटेल, बाल गंगाधर तिलक, भगत सिंह, लाला लाजपत राय, चंद्रशेखर आजाद, रामप्रसाद बिस्मिल, सुखदेव, बिपिन चन्द्र पाल,मंगल पांडे, रानी लक्ष्मीबाई, तांतिया टोपे, नाना साहेब जैसे सैंकड़ों स्वतंत्रता सेनानियों ने कई कई दशकों तक स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ी।हमारे भारत के अनगिनत सपूतों ने अपने प्राणों की आहुति देकर इसे स्वतंत्र कराया। उनमें से कई नाम गुमनामी में ही रह गए।इस देश को स्वतंत्र कराने के लिए हमारे देश के लोगों ने कितना कुछ सहा है। तब कहीं जाकार हमारा देश स्वतंत्र हुआ है।
आज कहने को तो हमारा भारत स्वतंत्र हो गया है, परन्तु हमारा यह देश वैसा नहीं बन पाया, जैसा इसके लिए सपना देखा गया था।संविधान बना, नागरिकों को अधिकार और कर्तव्य मिले। लोगों ने अधिकारों की बात तो की, परन्तु कर्तव्य निभाना भूल गए। आज भारत की सबसे बड़ी समस्या है स्वार्थ,धोखाधड़ी, बेईमानी, रिश्वतखोरी,टैक्स भरने में बेईमानी, मौकापरस्ती, लूटपाट, मार-काट, चोरी, कामचोरी, ओहदे का फ़ायदा, दिखावाबाजी, ईर्ष्या, जलन और इसी से पैदा हो रही हैं और बड़ी समस्याएँ, जिससे देश को अत्यधिक नुकसान उठाना पड़ रहा है।खुद को बेहतर और अमीर दिखाने के चक्कर में लोग दूसरे को नीचा दिखा रहे हैं। अमीर बनने के लिए लोग धोखेबाजी कर रहे हैं।अगर देश का हर नागरिक ईमानदारी से काम करें और धोखेबाजी ना करें तो देश बहुत उन्नति कर सकता है।
मेरे सपनों का जो भारत है, उसमें छल-कपट, बेईमानी का कोई स्थान नहीं है। हर व्यक्ति दूसरे को अपना समझे, प्यार से रहे, कोई किसी को नीचा ना दिखाए, एक दूसरे का सब आदर करें, सम्मान करें,दुसरे को सब महत्त्व दें। हर नागरिक ईमानदारी से अपना कर्तव्य निभाए।
हमारे देश के वीरों ने देश की स्वतंत्रता के लिए जो बलिदान दिया है, हम उसे व्यर्थ ना जाने दें और देश की अखण्डता को बनाए रखने में अपना योगदान दें।तब ही हमारा देश फिर से सोने की चिड़िया बन सकता है।
by Dr. Kanchan Bala
From Jodhpur