मृत – जीवांत
प्रिय तुम ! तुम्हे मृत्यु से भय लगता है या फिर सब को ! भय मृत्यु के बाद खो जाने का है, मृत्यु का नहीं यह उत्तर में जानता हूं । पर यह मृत अवस्थाओं का तिरस्कार है, जिसे या तो दरकिनार कर दिया जाता है या सम्मान समझ लिया जाता है ( मौन की…
प्रिय तुम ! तुम्हे मृत्यु से भय लगता है या फिर सब को ! भय मृत्यु के बाद खो जाने का है, मृत्यु का नहीं यह उत्तर में जानता हूं । पर यह मृत अवस्थाओं का तिरस्कार है, जिसे या तो दरकिनार कर दिया जाता है या सम्मान समझ लिया जाता है ( मौन की…
2024: In a world Plagued by the relentless march of heatwaves & the looming specter of Global warming hope flickers like a dying flame in the hearts of humanity. But from dust & despair rises a young enigmatic Indian scientist Maadhav. Maadhav’s journey began amidst the bustling Streets of Mumbai, where he grew up surrounded…
Have you ever considered why we should embrace an environment-friendly approach towards things? Our planet is in a crucial situation, and all of us need to protect the environment for our present and future generations. The first and most crucial reason for being environmentally friendly is to preserve the health of our planet. The environment…
“ कर खुद को इतना बुलंद , अगर बुलंदी का शौक हैं , क्यूंकि एक तेरे बदलने से ही भारत का बदलाव स्वरूप हैं |” बदलाव एक ऐसा शब्द हैं जो समय के साथ – साथ हर व्यक्ति , वृक्ष, समाज यहाँ तक की ऋतुओं में भी देखा जाता हैं | जिस तरह एक मनुष्य…