आज़ाद हुआ वतन मेरा हर बेड़ी से हर बंदिश से आज़ाद हैं हम भारत वासी अब ज़ुल्म से और रंजिश से।
हर रंग हर मज़हब हर ज़ात,
सबसे पहले इंसान हैं
हम नहीं किसीके वोट बैंक,
हम अपने वतन की जान हैं।
by Dr. Tarannum Shaikh

आज़ाद हुआ वतन मेरा हर बेड़ी से हर बंदिश से आज़ाद हैं हम भारत वासी अब ज़ुल्म से और रंजिश से।
हर रंग हर मज़हब हर ज़ात,
सबसे पहले इंसान हैं
हम नहीं किसीके वोट बैंक,
हम अपने वतन की जान हैं।
by Dr. Tarannum Shaikh