जिंदगी के लिए एक ख़ास सलीका रखना,
अपनी उम्मीद को हर हाल में जिंदा रखना,
किया है दूसरों के अंधेरे में उजाला हमने,
अभी खुद के अंधेरे को दूर करना,
सीखना दूसरो को वाकई मन से,
लेकिन अपने मन को भी सीख से भरपूर रखना,
हिम्मत, लगन और सहनशील बनकर,
सबके दुखों को दूर करना,
दूर तक जाना है सम्हल कर चलना,
अगर कभी गिर जाओ तो उठकर आगे बढ़ना,
बड़ी हों घर में जिम्मेदारियां बहुत है तुम पर,
आगे बडकर जिम्मेदारियों का मान रखना,
अपनी उम्मीद को हर हाल मे जिंदा रखना,
मैं नादान हूं वाकई यारों,
दिमाग़ से नहीं दिल से बात करना,
मददगार हूं,ना लालच हावी,
अपने विचारों को मेरे सामने भाप कर रखना,
आप क्या समझेंगे परवाज़ किसे कहते हैं,
आपका शौक है पिंजरे में परिंदा रखना,
हम तो वाकई गुनाह की हटकड़िया खोल देते है,
आता हैं इंसानियत को भी जिंदा रखना,
बंद कमरे में बदल जाओगे इक दिन लोगो,
मेरी मानो तो खुला कोई दरीचा रखना,
क्या पता राख में जिंदा हो कोई चिंगारी,
जल्दबाजी में कभी पाव ना अपना रखना।
सम्हाल कर चलना ए-मेरे दोस्तों,
और किसी की जिदंगी में कभी कोई घाव मत रखना,
वेशक तुम्हारी ज़िन्दगी में बदलाव आएगा,
चलते चलते ही ये घाव जायगा,
जिदंगी का सफर थोड़ा लम्बा चलेगा दोस्तों,
निडर होकर मंज़िल पर सीधे पाव चलाना,
मेहनत रंग लाएगी, खुशियां मेहनत के ज़रिए आएगी,
इसलिए कहती हूं-
जिदंगी के लिए एक सलीका रखना,
अपनी उम्मीद को हर पल जिंदा रखना।।
-आकांक्षा रायकवार
From Sagar ( M.P.)
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