मेरे सपनों का भारत वो भारत है
जिसमें सब हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई एक हैं
दुश्मन कोई आँख उठाए तो, ऐ भारत माँ!
तेरी रक्षा की ख़ातिर हम सब भाई एक हैं
जात पात का भेद न हो
मजहब की कोई दीवार न हो
भाषा बोली क्षेत्रवाद की
बीमारी का कोई बीमार न हो
गाँव गली घर कूचे में
गंदगी के कहीं ढेर न हों
‘स्वच्छ भारत स्वस्थ भारत’
मोदी जी का सपना साकार हो
डीआरडीओ उन्नत हथियार बनाए
इसरो भेजे नित यान नए
चाँद और मंगल पर हों
हमारे अभियान नए
वैज्ञानिक नई खोज करें
हर क्षेत्र में हों अनुसंधान नए
पुलिस सुधार न्यायिक सुधार हों
त्वरित न्याय हेतु बने विधान नए
हर वस्तु भारत में बने
हर चीज़ मेक इन इंडिया हो
‘आत्मनिर्भर भारत’ बने हमारा
हर तरफ़ मेड इन इंडिया हो
देश की आज़ादी को अब
पिछत्तर साल हुए
आओ देशवासियों सभी
‘आज़ादी का अमृत महोत्सव’ मनाएँ
अशिक्षा भूख ग़रीबी लाचारी
सब मिट जाए
भ्रष्टाचार मंहगाई और बेरोजगारी
का अँधेरा छट जाए।
मिलेगी क़ामयाबी ज़रूर
हमें अपने मक़सद में
मन में है विश्वास
हमारे इरादे नेक हैं।
मेरे सपनों का भारत…
—विकास शर्मा वत्स
City: Faridabad