मेरे सपनों का भारत वो भारत है…
जो अटक से लेकर कटक तक
कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक
अखंड है, एक है।
देश की आज़ादी का सपना वो सपना है
जिसकी ख़ातिर वीरों ने अपना बलिदान दिया
शिवाजी ने शौर्य दिया और
प्रताप ने स्वाभिमान दिया
गाँधी ने असहयोग और अहिंसा दी
नेहरू ने अपना ईमान दिया
राजे रजवाड़ों में बंटे भारत को
सरदार पटेल ने एक समान किया
स्वतंत्रता समानता बंधुत्व का अधिकार मिला
अम्बेडकर ने हमें संविधान दिया
गुरू गोबिंद ने अपने पुत्र दिए
गुरू तेग़बहादुर ने अपना शीश दिया
देश धर्म की ख़ातिर सरबस दिया तो
माँ भारती ने उन्हें अपना आशीष दिया
बिस्मिल अश्फ़ाक़ लाहिड़ी सुखदेव राजगुरू
सब भारत माता के राजदुलारे थे
चंद्रशेखर सुभाष और भगतसिंह
माँ भारती को सबसे प्यारे थे
सावरकर ने भी सेल्युलर जेल में
बरसों बरस गुज़ारे थे
देकर अपना लहू जिगर का
माँ भारती के चरण पखारे थे
नारियाँ भी कम न थीं भारत की
वीरता और बलिदान में
अंग्रेजों के छक्के छुड़ा दिए
लक्ष्मीबाई ने युद्ध मैदान में
मेरे सपनों का भारत…
— विकास शर्मा वत्स
City: Faridabad