खून की होली तुमने बहुत खेल ली ,
आ गयी मेरी बारी संभल जाइए।
गर नहीं है तुम्हें देश मेरा पसंद,
देश द्रोही यहाँ से निकल जाइये ।
आज़ादी के लिए हमारी लंबी चली लड़ाई थी ,
लाखों लोगों ने अपने प्राणों से कीमत चुकाई थी ।
तिरंगा लेहराता है आज पूरी कीमत से ,
हमें मिली आज़ादी वीर शहीदों के बलिदान से ।
लगी गुंजने सभी दिशाएं, वीरों के यश गान से ।
हमें मिली आज़ादी वीर शहीदों के बलिदान से ।
By Nandlal Ahi
City- New Delhi