आज़ादी by Nandlal Ahi (Aazadi Amrit Mahotsav- 75th Independence Day)
खून की होली तुमने बहुत खेल ली , आ गयी मेरी बारी संभल जाइए। गर नहीं है तुम्हें देश मेरा पसंद, देश द्रोही यहाँ से निकल जाइये ।आज़ादी के लिए हमारी लंबी चली लड़ाई थी , लाखों लोगों ने अपने प्राणों से कीमत चुकाई थी ।तिरंगा लेहराता है आज पूरी कीमत से , हमें मिली आज़ादी…
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