प्रकृति खतरे में
कि जिस से जीने का स्रोत है कर देते हो उसी को नष्ट । जिसकी हवाएं कर देती है मन को पावन तुम देते हो उसी को कष्ट। प्रकृति अनमोल है समझो इसका मोल इससे ऊपर कुछ नहीं समझो मेरी ये बोल कि रुक जा थम जा संभल जाओ मत दो ये तकलीफ सोचो तो…
कि जिस से जीने का स्रोत है कर देते हो उसी को नष्ट । जिसकी हवाएं कर देती है मन को पावन तुम देते हो उसी को कष्ट। प्रकृति अनमोल है समझो इसका मोल इससे ऊपर कुछ नहीं समझो मेरी ये बोल कि रुक जा थम जा संभल जाओ मत दो ये तकलीफ सोचो तो…
Here, there and everywhere ! In your service I reside in air. You breathe me in every time, Your body clock does chime. For you all to inhale I fill the air. Then life does throb and glare. Born of trees and plants I am ! And you fell these with a wham! Ever since…