प्यार सा अजनबी दर्द
क्यों मुझे हमेशा एक पहचानी सी दर्द सताती है, मिली हुई तकदीर को भी ख्वाब बताती है,खो ना दू नायाब तहफ़े को जहन में हर सुबह क्यू चली आती है, मन बहलाने को कुछ अल्फाज सजा कर भ्रम मिटाती हैं!सच्चाई से मज़बूत होता रहे यह रिश्तों का बंधन, हर रोज़ सजदे में सिर झुकाती है।हां…