बदलता भारत – Poetry By Soniya Singh

बदल रहा है देश, बदल रहा है दौर।बदल रहा है मंजर, बदल रहे है लोग।इस बदलते भारत में क्या क्या बदलते देखा,कभी इंसान को जलते देखा,कभी इंसानियत को मरते देखा।आओ सुनाती हूं मै सबको इक दास्तान,कहानी में कुछ और नहीं है बदलता हिंदुस्तान।आज दौर है कुछ ऐसा,हर इंसान बना है ऊंचा।सत्य को छोड़कर झूठ का…