मेरे सपनों का भारत— गौरवशाली इतिहास
मेरे सपनों का भारत वो भारत है… जिसकी गौरव गाथाहै स्वयं हिमालय गाताहिंद प्रशांत पैर पखारेंवो भारत भाग्य विधाता है जिसका स्वर्णिम इतिहासऔर भविष्य उज्ज्वल हैमाना वर्तमान चुनौतिपूर्णलेकिन भाग्य अति प्रबल है यूँ ही नहीं माना विश्वगुरू हमेंजगत में हमने कार्य महान किएजीत कर त्रिलोकी भी हमनेसिंहासन हैं दान किए हमने ही विश्व को दिया…