थी एक बच्ची
थी एक बच्ची सीधी साधी सी करती थी नादानी वो बड़ी प्यारी सी तोड के जंजीरे वो उरना चाहती थी आसमान का शेर वो करना चाहती थी की जिम्मेदारी से इस कदर दबी की मुस्कुराना छौड दिया इतनी बदनाम हुई की ज़माने को गम बताना छौड दिया थी अल्बैली वो दीवानी सी करती थी बतीया…