माथे पर है विश्वगुरु का तिलक

भारत कोई नक्शे का टुकड़ा नही युगों से सनातन का मुखड़ा है वही।ऋषि मुनि, वीरता की भूमि है भारतमिटाने वाले मीट गये, मिटा नही भारत। माथे पर है विश्वगुरु का तिलक भुजाओं में है शिव-शक्ति की झलक।सवारी शेर की करता है भारत पहले वार नही करता है भारत। विकास पथ पर कदम है अग्रसर दिल-दिमाग…